हरियाणा मुख्यमंत्री के ओएसडी बड़खालसा को नई जिम्मेदारी, नीति निर्माण में निभाएंगे अहम भूमिका

हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के विशेष कार्य अधिकारी (ओएसडी) वीरेंद्र सिंह बड़खालसा को राज्य सरकार की ओर से नई और महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गई है। इस संबंध में आदेश राज्य सरकार के विशेष प्रधान सचिव (SPS) राजेश खुल्लर द्वारा जारी किए गए हैं। यह बदलाव शासन स्तर पर नीति निर्धारण और निर्णय प्रक्रिया में समन्वय बढ़ाने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है।
आदेश के अनुसार, मुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि किसानों, पंचायती राज, युवा एवं खेल, और सिंचाई विभाग से संबंधित मुख्यमंत्री स्तर की किसी भी बैठक का समय तय करने से पहले ओएसडी वीरेंद्र सिंह बड़खालसा को अनिवार्य रूप से सूचित किया जाए। इसका सीधा मतलब यह है कि इन विभागों से जुड़े विषयों पर अब बड़खालसा की निगरानी और सलाह निर्णायक होगी।
बेहतर समन्वय और प्रभावी नीतियों की दिशा में कदम
इन चारों विभागों – कृषि, पंचायती राज, युवा व खेल, और सिंचाई – का राज्य की सामाजिक व आर्थिक संरचना में गहरा महत्व है। किसान आंदोलन, जल संकट, खेलों में भागीदारी और ग्रामीण विकास जैसे विषय लंबे समय से सरकार की प्राथमिकता में रहे हैं। ऐसे में, इन क्षेत्रों से जुड़े किसी भी निर्णय में गहराई से विचार-विमर्श और अनुभव की आवश्यकता होती है।
बड़खालसा, जो कि खुद एक अनुभवी प्रशासनिक व्यक्ति हैं, इन क्षेत्रों में सरकार के विचार और योजनाओं को सही दिशा देने में मदद करेंगे। उनके अनुभव का लाभ उठाकर इन विषयों से जुड़ी बैठकों में ज्यादा व्यावहारिक और ग्राउंड लेवल से जुड़ी नीतियां बनाई जा सकेंगी।
चार विभागों का रणनीतिक महत्व
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कृषि और सिंचाई: हरियाणा एक कृषि प्रधान राज्य है, जहां सिंचाई व्यवस्था और किसानों की समस्याएं सरकार की प्राथमिकताओं में रही हैं। हाल ही में पंजाब-हरियाणा जल विवाद को देखते हुए सिंचाई से जुड़ी बैठकों में विशेषज्ञता और सूझबूझ की जरूरत पहले से ज्यादा महसूस की जा रही है।
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पंचायती राज: ग्रामीण विकास और स्थानीय प्रशासन का आधार पंचायती व्यवस्था है। इनकी प्रभावशीलता सरकार की नीतियों को जमीनी स्तर तक पहुंचाने में मदद करती है।
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युवा एवं खेल: खेलों में हरियाणा की भूमिका देश भर में सबसे अहम रही है। ओलंपिक और राष्ट्रीय स्तर पर यहां के खिलाड़ी लगातार उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहे हैं। युवा नीति और खेल के इंफ्रास्ट्रक्चर को और मजबूत करने के लिए गंभीर योजना की आवश्यकता है।
बड़खालसा की भूमिका क्यों अहम?
वीरेंद्र सिंह बड़खालसा लंबे समय से हरियाणा की राजनीतिक और प्रशासनिक पृष्ठभूमि से जुड़े रहे हैं। उनके पास ग्रासरूट से लेकर उच्च प्रशासनिक स्तर तक का अनुभव है। मुख्यमंत्री के साथ उनकी नजदीकी और विश्वास उन्हें राज्य सरकार की नीतियों के क्रियान्वयन में एक अहम कड़ी बनाती है।
उनकी नई जिम्मेदारी सिर्फ एक प्रोटोकॉल का हिस्सा नहीं, बल्कि सरकार की गंभीरता को दर्शाती है कि यह चार विभाग केवल औपचारिक मंत्रालय नहीं, बल्कि राज्य के भविष्य से जुड़े अहम विषय हैं।
समन्वय की राजनीति में नया अध्याय
हरियाणा सरकार द्वारा ओएसडी बड़खालसा को दी गई यह जिम्मेदारी प्रशासनिक समन्वय और नीतिगत स्पष्टता की दिशा में एक सकारात्मक कदम है। आने वाले समय में यह देखा जाएगा कि इस बदलाव से इन विभागों की कार्यशैली में कितना सुधार आता है और राज्य की नीतियों में कितना ज़मीनी असर दिखता है। यदि यह मॉडल सफल रहता है, तो यह अन्य राज्यों के लिए भी एक उदाहरण बन सकता है।